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Samveda/1144

सम्राजा या घृतयोनी मित्रश्चोभा वरुणश्च। देवा देवेषु प्रशस्ता ।।॥११४४

Veda : Samveda | Mantra No : 1144

In English:

Seer : yajata aatreyaH | Devta : mitraavaruNau | Metre : gaayatrii | Tone : ShaDjaH

Subject : English Translation will be uploaded as and when ready.

Verse : samraajaa yaa ghRRitayonii mitrashchobhaa varuNashcha . devaa deveShu prashastaa.1144

Component Words :
samraajaa sam raajaa yaa ghRRitayonii ghRRita yoniiiti mitraH mi traH cha ubhaa varuNaH cha devaa deveShu prashastaa pra shastaa.

Word Meaning :


Verse Meaning :


Purport :


In Hindi:

ऋषि : यजत आत्रेयः | देवता : मित्रावरुणौ | छन्द : गायत्री | स्वर : षड्जः

विषय : अगले मन्त्र में पुनः उसी विषय का कथन है।

पदपाठ : सम्राजा सम् राजा या घृतयोनी घृत योनीइति मित्रः मि त्रः च उभा वरुणः च देवा देवेषु प्रशस्ता प्र शस्ता॥

पदार्थ : (या) जो (सम्राजा) सम्राट् और (घृतयोनी) तेज के घर (मित्रः च वरुणः च) परमात्मा और जीवात्मा (उभा) दोनों (देवा) प्रकाशक और (देवेषु) प्रकाश करनेवाले अग्नि, सूर्य, बिजली आदि के बीच (प्रशस्ता) प्रशस्त हैं, उनके लिए (गायत) गुण-गान करो। [‘गायत’ पद पूर्व मन्त्र से यहाँ लाया गया है] ॥२॥

भावार्थ : जैसे परमेश्वर विश्वब्रह्माण्ड का सम्राट् है, वैसे ही जीवात्मा शरीर का सम्राट् है। दोनों के प्रकाश को पाकर मनुष्य को महान् बनना योग्य है ॥२॥


In Sanskrit:

ऋषि : यजत आत्रेयः | देवता : मित्रावरुणौ | छन्द : गायत्री | स्वर : षड्जः

विषय : अथ पुनस्तमेव विषयमाह।

पदपाठ : सम्राजा सम् राजा या घृतयोनी घृत योनीइति मित्रः मि त्रः च उभा वरुणः च देवा देवेषु प्रशस्ता प्र शस्ता॥

पदार्थ : (या) यौ (सम्राजा) सम्राजौ, (घृतयोनी) तेजोगृहौ च (मित्रः च वरुणः च) परमात्मा च जीवात्मा च (उभा) उभौ (देवा) देवौ, प्रकाशकौ, (देवेषु) प्रकाशकेषु च अग्निसूर्यविद्युदादिषु मध्ये (प्रशस्ता) प्रशस्तौ स्तः, ताभ्याम् (गायत) गुणगानं कुरुत। [‘गायत’ इति पदं पूर्वमन्त्रादानीतम्] ॥२॥२

भावार्थ : यथा परमेश्वरो विश्वब्रह्माण्डस्य सम्राट् तथा जीवात्मा देहस्य सम्राडस्ति। उभयोः प्रकाशं प्राप्य मनुष्यो महान् भवितुमर्हति ॥२॥

टिप्पणी:१. ऋ० ५।६८।२।२. ऋग्भाष्ये दयानन्दर्षिर्मन्त्रमिमं राजपुरुषविषये व्याख्यातवान्।